समीक्षा भारतीय इतिहास के सबसे पुराने अध्यात्मिक धारावाहिकों में से एक – बीआर. चौपड़ा द्वारा निर्मित महाभारत की।
महाभारत हिन्दू धर्म का एक प्रमुख धार्मिक काव्य ग्रंथ है। यह विश्व के सबसे लंबे साहित्यिक एवं धार्मिक ग्रंथो में से एक है, साथ ही यह हिन्दू धर्म में पंचम वेद माना जाता है। इसी में हिन्दू धर्म का पवित्रतम ग्रंथ भगवद्गीता सन्निहित है। माना जाता है कि, श्रीमद्भगवतगीता मे मनुष्य की समस्त प्रश्नो के उत्तर और सार्थक एवं सफल मानव जीवन जीने के उपदेश है, जिसे भगवान कृष्ण ने स्वयं रणभूमि में अर्जुन को दिए थ। यह कहना गलत नहीं कि, महाभारत एक साहित्यिक खजाना है और हिंदू पौराणिक कथाओं और दर्शन का मिश्रण है। इस साहित्यिक खजाने को टी.वी धारावाहिक के रुप मे तराशकार जनता तक पहुंचाने का कार्य किया, बीआर. चौपड़ा द्वारा निर्मित महाभारत ने। जो इसी ग्रंथ की विश्व प्रसिध्दी के प्रमुख कारकों मे से एक है । बीआर चौपड़ा द्वारा निर्मित एवं उनके पुत्र रवि चोपड़ा द्वारा निर्देशित 1988 में टी.वी पर प्रसारित होने वाली महाभारत को देखने के लिए उस दौरान हर दिन भारत के कई हिस्सो में एक साथ पूरा का पूरा गांव जुट जाता था। इसी तरह ब्रिटेन में इस धारावाहिक का प्रसारण बीबीसी द्वारा किया गया था। जहाँ इसकी दर्शक संख्या 50 लाख के आँकड़े को भी पार कर गई, जो दोपहर के समय प्रसारित किए जाने वाले किसी भी धारावाहिक के लिए एक बहुत बड़ी बात थी। वर्तमान दौर जब लगभग हर वर्ग के लोगों में वेबसीरीज और ओटीटी प्लैटफॉम का रुझान हैं, इस समय में भी बीआर चौपड़ा की इस महाभारत की लोकप्रियता कायम हैं। साल 2020 में लॉकडाउन के दौरान दूरदर्शन पर रामायण के साथ-साथ महाभारत का प्रसारण हुआ और इसने व्यूज के मामले में तमाम रिकॉर्ड ब्रेक कर दिए, जिससे एक बार फिर लोगों के बीच इसकी लोकप्रियता जाग गई। साल 1988 के दौरान इस धारावाहिक का निर्माण 9 करोड़ की लागत मे हुआ था। हालांकि जो महाभारत बनकर सामने आई वो बीआर चोपड़ा की सोच की महाभारत नहीं थी। क्योंकि वह चाहते थे कि यह धारावाहिक हिंदी सिनेमा के दिग्गजों के साथ बनाई जाए। महाभारत की शुरुआत समय की आवाज से होती है। समय को आवाज हरीश भिमानी ने दी थी, जबकि बीआर चोपड़ा दिलीप कुमार को समय की आवाज बनाना चाहते थे। इसी प्रकार महाभारत में द्रौपदी का किरदार बीआर चोपड़ा ने पहले जूही चावला को ऑफर किया थाा। बाद में ये रोल रूपा गांगुली को मिल गया था। लेकिन बाद में जिन भी किरदारो द्वारा महाभारत के इस धारावाहिक मे किरदार निभाए गए, जनता सदैव के लिए उन्हीं को महाभारत के किरदारों में कल्पना करने लग गई ।
अगर इस धारावाहिक की टी.वी पर प्रसारित अन्य महाभारत आधारित धारावाहिकों से तुलना की जाए, तो यह कहना गलत नहीं कि बीआर. चौपड़ा द्वारा निर्मित महाभारत धारावाहिक सबसे अधिक विश्वसनीय है। इसके सभी 94 एपिसोड़ में किरदारों की भूमिका, स्क्रिप्ट लेखक द्वारा असली महाभारत की कहानियों से बिना अत्यधिक छेड़छाड़ के एपिसोड़ के अंत में सार्थक मनुष्य जीवन के लिए सीख देना, साथ ही एपिसोड़ के प्रारंभ में समय के मौखिक किरदार द्वारा रचनात्मकता से पूर्व एपिसोड़ का विवरण देना सभी सहरानीय हैं। ऐसी रचना का वर्तमान एवं भविष्य में निर्माण लगभग असंभव है।
आज भारत की अधिकांश जनता को महाभारत का बोध पुस्तकों एवं ग्रंथों से नहीं, बल्कि बीआर. चौपड़ा की इसी महाभारत से है। अक्सर टी.वी पर आने वाले धारावाहिक काल्पनिक एवं मनोरंजन के लिए चटकीले अंदाज से युक्त होते है, लेकिन यह धारावाहिक भारतीय जनता के लिए भक्ति, ज्ञान, संस्कृति एवं भावनाओं से ओत – प्रोत हैं । इतिहास में इस धारावाहिक का नाम सदैव ही सुनहरे अक्षरों में अंकित हैं।
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